• RSS
  • Skype
  • Facebook
  • Yahoo

TwitterFacebookGoogle 

PlusLinkedInRSS FeedEmail

Nehru Family Vs Gandhi Family ??

Author Unknown - -
Home » , » Nehru Family Vs Gandhi Family ??

Nehru Family  ≠  Gandhi Family Click For large 
न्यूज़ चैनल पर कभी पत्रकार रहे कांग्रेसी राजीव शुक्ला ने कहा कि-
"देश के लोगों की औकात नहीं है कि वे नेहरु गाँधी परिवार पर कोई सवाल खड़ा करें."
पहला महत्त्वपूर्ण सवाल मैं खड़ा करता हूँ-
यह स्वयंभू 'पवित्र परिवार' अपने नाम के आगे गाँधी क्यों लगाता है...?
गाँधी से इनका कौन-सा रिश्ता है, यह रिश्ता कैसा है, कब से है, किस परंपरा के अंतर्गत है...??
इंदिरा नेहरु जब शादी रचाती है, तो वह खान बनती है किन्तु बाद में अचानक गाँधी बन जाती है.
फ़िरोज़ अच्छा भला खान होता है, किन्तु इंदिरा नेहरु से शादी करके वह भी गाँधी बन जाता है.
राजीव जब सोनिया से शादी करता है तो ईसाईहो जाता है, किन्तु पता नहीं किस आकर्षण/लोभ/ *दबाव में वह पुनः गाँधी बन जाता है.
सोनिया माइनो होकर भी गाँधी बन जाती है, जबकि वह कट्टर रोमन कैथोलिक ईसाई ही बनी रहती है.
राहुल जब पैदा होता है, तो उसका नाम रखा जाता है- रौल विन्सी (?) पर जाने किस आकर्षण में बाद में वह भी राहुल गाँधी बनजाता है.
प्रियंका जब पैदा होती है, तो उसका नाम होता है- वियंका विन्सी (?)
किन्तु बाद में वह भी प्रियंका गाँधी बन जाती है.

प्रियंका की जब शादी होती है, तो वह प्रियंका वाड्रा बनती है, किन्तु किसी जादू से वह पुनः विवाहित होकर भी प्रियंका गाँधी हो जाती है और अपनी प्राचीन परम्पराओं पर गर्व करने वाले भारत देश में इस बात पर कोई भी आपत्ति नहीं उठाता.
रोबर्ट के पिता हिन्दू होते हैं, फिर अचानक धर्मान्तरण करके वे वाड्रा हो जाते हैं.
रोबर्ट के परिवार के लोग अचानक एक-एक करके रहस्यमय तरीके से मरते चले जाते हैं.
अब रोबर्ट रहस्यमय तरीके से अनाथ है, वह गाँधी परिवार का हिस्सा है...रोबर्ट भी समझो अब गाँधी ही है.
रोबर्ट-प्रियंका* * के बच्चों के नाम केआगे आज तक किसी ने वाड्रा लगाया हो, ऐसा सुनने में नहीं आया.
जाहिर है, 5-10 साल बाद वे भी गाँधी ही कहलाएँगे, भले ही उनके नामों में भारतीयता न झलकती हो, भले ही उनकी आस्था वेटिकन में हो और उनके नाम इटालियन, रशियन तर्ज़ पर हों.
किन्तु रहेंगे वे गाँधी ही.
यह 'पवित्र परिवार' गाँधी की किन नीतियों, उनके किन मूल्यों, किन आस्थाओं को मानता है?
इस परिवार ने गाँधी के 'हिन्द स्वराज' की किस पंक्ति में, कब अपनी निष्ठा दिखाई हैकि यह परिवार बड़े गर्व से दूसरों के बाप(गाँधी) को अपना बाप मानकर फूला नहीं समा रहा है और गाँधी के नाम के सहारे निरंतर फल-फूल रहा है...?
यह 'पवित्र परिवार' गाँधी के नाम से ऐसा क्या लाभ उठा पा रहा है कि इसने गाँधी को ही देश के करेंसी नोटों पर छपवाया, अन्य किसी क्रांतिकारी को नहीं...?
...तो क्या विवादास्पद मार्कंडेय काटजू एकदम सही बोले थे कि- "देश के 90%लोग मूर्ख है"...??